भारतीय रेलवे की 'कवच' प्रणाली: सुरक्षा में नई क्रांति
भारतीय रेलवे ने अपनी सुरक्षा प्रणालियों को और भी मजबूत बनाने के लिए हाल ही में 'कवच' प्रणाली को लागू किया है। यह स्वदेशी रूप से विकसित स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (Automatic Train Protection - ATP) प्रणाली है, जिसका उद्देश्य ट्रेनों की टक्कर जैसी दुर्घटनाओं को रोकना और रेल संचालन में एक नई सुरक्षा मानक स्थापित करना है।
भारतीय रेलवे की "कवच" प्रणाली (जिसे स्वदेशी ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम भी कहा जाता है) के क्रियान्वयन पर अनुमानित खर्च लगभग ₹30 लाख प्रति किलोमीटर आ सकता है। पूरे रेलवे नेटवर्क पर इसे लागू करने का खर्च इसके कुल कवरेज क्षेत्र के आधार पर अलग-अलग हो सकता है। भारतीय रेलवे ने प्रमुख मार्गों पर इस तकनीक को चरणबद्ध तरीके से लागू करने की योजना बनाई है, जिसका उद्देश्य ट्रेन संचालन की सुरक्षा को बढ़ाना है।
क्या है 'कवच' प्रणाली?
कवच प्रणाली भारतीय रेलवे द्वारा विकसित एक तकनीक है, जो ट्रेन को एक पूर्वनिर्धारित सीमा के अंदर सुरक्षा के साथ संचालित करती है। यह प्रणाली ट्रेनों के बीच टकराव को रोकने के लिए डिज़ाइन की गई है। यदि दो ट्रेनें एक ही पटरी पर आमने-सामने आ जाती हैं, तो कवच अपने आप उन ट्रेनों को रोक देता है। इसके अलावा, यह गति नियंत्रण, आपातकालीन ब्रेकिंग और सिग्नलिंग में भी मदद करता है।
कैसे काम करती है यह प्रणाली?
कवच में ऑनबोर्ड उपकरण और ग्राउंड-आधारित सिग्नलिंग के माध्यम से ट्रेनों की गति और दूरी की निगरानी की जाती है। जब कोई ट्रेन सिग्नल के खिलाफ जाती है या निर्धारित सीमा से अधिक गति पर चलती है, तो कवच प्रणाली स्वचालित रूप से ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक देती है।
मुख्य विशेषताएँ:
1. ट्रेन टकराव से सुरक्षा: कवच प्रणाली ट्रेनों के बीच टकराव की संभावना को खत्म करती है।
2. स्वचालित ब्रेकिंग: यदि कोई ट्रेन तय सीमा से अधिक गति पर चलती है, तो यह स्वचालित रूप से ब्रेकिंग को एक्टिवेट करता है।
3. सिग्नल पासिंग सुरक्षा: ट्रेन यदि लाल सिग्नल से आगे बढ़ने की कोशिश करती है, तो कवच उसे रोक देता है।
4. कम लागत और स्वदेशी विकास: इसे भारत में ही विकसित किया गया है, जिससे इसकी लागत अन्य विदेशी प्रणालियों की तुलना में काफी कम है।
कवच सिस्टम :
भारतीय रेलवे की कवच प्रणाली (Kavach System) एक स्वदेशी स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (Automatic Train Protection - ATP) प्रणाली है, जिसे ट्रेन टकरावों को रोकने के लिए विकसित किया गया है। यह प्रणाली ट्रेन की गति और लोको पायलट के कार्यों पर नज़र रखती है और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्वचालित रूप से कार्य करती है।
कवच प्रणाली के मुख्य कार्य:
1. टकराव रोकथाम: अगर दो ट्रेनें एक ही ट्रैक पर आ जाती हैं और संभावित टकराव का खतरा होता है, तो यह प्रणाली स्वचालित रूप से ट्रेनों को रोकने का काम करती है।
2. गति नियंत्रण: यदि ट्रेन निर्धारित गति सीमा से अधिक तेज चल रही होती है, तो यह प्रणाली स्वत: ट्रेन की गति को नियंत्रित करती है। इसमें इमरजेंसी ब्रेक लगाने की सुविधा भी शामिल है।
3. सिग्नल पासिंग की रोकथाम: अगर ट्रेन सिग्नल को अनदेखा करके आगे बढ़ने की स्थिति में हो, तो कवच सिस्टम स्वचालित रूप से ट्रेन को रोक देता है।
4. लोको पायलट चेतावनी: अगर लोको पायलट किसी संकेत को नजरअंदाज करता है या ध्यान नहीं देता, तो प्रणाली उसे चेतावनी देती है।
5. दूरसंचार और डेटा का आदान-प्रदान: कवच प्रणाली रेडियो फ्रीक्वेंसी के माध्यम से ट्रेन और ग्राउंड सिस्टम के बीच डेटा का आदान-प्रदान करती है, जिससे ट्रेन की स्थिति और गति की जानकारी लगातार मिलती रहती है।
यह प्रणाली भारतीय रेलवे के सुरक्षा मानकों को बेहतर बनाने के उद्देश्य से तैयार की गई है और इसके सफल कार्यान्वयन से ट्रेन दुर्घटनाओं में कमी आने की उम्मीद है।
भविष्य की योजनाएँ:
रेलवे का लक्ष्य कवच प्रणाली को पूरे भारतीय रेलवे नेटवर्क पर लागू करना है। इससे देश में रेल दुर्घटनाओं की संख्या को बहुत हद तक कम किया जा सकेगा। फिलहाल इसे मुख्यत: दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा मार्गों पर प्राथमिकता के साथ लागू किया जा रहा है, जो रेलवे के सबसे व्यस्त मार्ग हैं। कवच प्रणाली भारतीय रेलवे की सुरक्षा प्रणाली में एक बड़ा कदम है, जो भविष्य में रेलवे संचालन को और भी सुरक्षित और विश्वसनीय बनाएगी।