कोटा बनेगा पर्यटन का केंद्र


चम्बल रिवर फ्रंट स्थापत्य और शिल्प कला का अनुठा नमूना।
राज्यपाल कलराज मिश्र ने बुधवार को कोटा में निर्माणाधीन चम्बल रिवर फ्रंट का अवालोकन किया।मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि चम्बल नदी पर बना यह रिवर फ्रंट स्थापत्य एवं शिल्प की दृष्टि से देश-दुनिया का अनुपम स्थान है। यहां प्रत्येक घाट पर विश्वस्तरीय स्मारकों का निर्माण करवाकर एक ही स्थान पर भव्यता के साथ प्रदर्शित किया गया है। उन्होंने कहा कि रिवर फ्रंट का निर्माण भारतीय संस्कृति से ओत-प्रोत है, आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक विशेषताओं के साथ घाटों पर संस्कृति को जीवंत किया गया है। उन्होंने चम्बल नदी की सबसे ऊँची प्रतिमा निर्माण, गीता का उपदेश देते हुए श्लोकों को उकेरा गया है। पंचतत्व घाट में जीवन का सार बताया है, वहीं योगी घाट पर देश की पुरातन योग संस्कृति को साकार किया गया है।
राज्यपाल श्री मिश्र ने कहा कि रिवर फ्रंट पर हमारी पुरातन संस्कृति को सभी घाटों पर साकार करते हुए आधुनिकी तकनीकी का उपयोग कर इस आकर्षक बनाया गया है। 27 घाटों पर कल्पना को साकार कर इस प्रकार से प्रदर्शित किया है कि मन को सुकून मिलता है। उन्होंने कहा कि देश-दुनिया के पर्यटक इसे देखने आएंगे, इससे राजस्थान ही नहीं सम्पूर्ण देश में पर्यटन स्थल के रूप में नई पहचान मिलेगी। उन्होंने हाडौती घाट, वीर घाट, सिंह घाट, पुस्तकालय घाट के साथ निर्मित बावड़ी को एक ही स्थान पर सभी संस्कृतियों का संगम बताया। इस अवसर पर स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि 30 मार्च तक रिवर फ्रंट के कार्य को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। यह स्थान देश-दुनिया में अपने निर्माण शैली के लिए भी जाना जाएगा। इस दौरान प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी भी मौजूद रहे।

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