क्यों हुई मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी ?

मनीष सिसोदिया एक सामाजिक कार्यकर्ता, आरटीआई कार्यकर्ता, पत्रकार और नेता भी हैं। वे 'कबीर' नामक गैर-सरकारी संस्था चलाते हैं तथा अरविन्द केजरीवाल के साथ 'सार्वजनिक हित अनुसन्धान फाउण्डेशन' नामक गैर सरकारी संगठन के सह-संस्थापक भी हैं। वे 'अपना पन्ना' नामक हिन्दी मासिक पत्र के सम्पादक हैं। मनीष सिसोदिया आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हैं और दिल्ली विधानसभा की पटपड़गंज विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं।सिसोदिया दिल्ली सरकार में मंत्री एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री थे।उनके पास शिक्षा, उच्च शिक्षा, जन निर्माण विभाग, शहरी विकास, स्थानीय निकाय, भूमि एवं भवन तथा रेवेन्यू विभाग थे।

- केजरीवाल सरकार ने 17 नवंबर 2021 को नई आबकारी नीति लागू की थी।

- नई आबकारी नीति के अनुसार दिल्ली में 32 जोन शराब की दुकान खोलने के लिए बनाए गये थे।

- हर जोन में 27शराब की दुकानें खोलने की मंजूरी दी गई थी।

- दिल्ली में नीति लागू होने के बाद कुल मिलाकर 849 दुकानें खुलनी थीं।

- केजरीवाल सरकार ने 849 शराब की दुकानों को रिटेल लाइसेंस दिए। इसमें 266 शराब के ठेके प्राइवेट कर दिए गए।

- पुरानी नीति में 60 प्रतिशत दुकानें सरकारी और 40 प्रतिशत ही निजी हाथों में थीं, लेकिन नई नीति में 100 फीसदी दुकानों को निजी हाथों में दिया गया।

- सरकार का तर्क था कि इससे राजस्व में साढ़े तीन हजार करोड़ रुपये का फायदा होगा।

- नई नीति में दिल्ली में शराब पीने की कानूनी उम्र सीमा 25 साल से घटाकर 21 साल कर दी गई।

- इंटरनेशनल एयरपोर्ट की ओपन शाॅप और होटलों में 24 घंटे बिक्री की इजाजत दे दी गई।

- शराब की दुकानों को भी सुबह 3 बजे तक खोलने की मंजूरी दी गई।

- कोरोना काल में नुकसान की भरपाई के नाम पर 144 करोड़ से ज्यादा की लाइसेंस फीस माफ कर दी गई।

- केजरीवाल सरकार ने लाइसेंस फीस को बढ़ाए बगैर पहले कार्यकाल एक अप्रैल 2022 से बढ़ाकर 31 मई 2022 तक कर दिया, इसके बाद फिर एक जून 2022 से बढ़ाकर 31 जुलाई 2022 तक कर दिया गया और इस निर्णय में एलजी से मंजूरी भी नहीं ली गई। कैबिनेट की बैठक बुलाकर ही निर्णय ले लिया गया।

- दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने केजरीवाल सरकार की नई आबकारी नीति पर रिपोर्ट तलब की।

- 8 जुलाई, 2022 को दिल्ली के मुख्य सचिव ने रिपोर्ट उपराज्यपाल को सौंपी।

- मुख्य सचिव ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि नई पॉलिसी के जरिए शराब लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया है। लाइसेंस देने में नियमों की अनदेखी की गई है और टेंडर के बाद शराब ठेकेदारों के 144 करोड़ रुपए माफ भी किए गए, जो सरासर अनुचित है।

- रिपोर्ट में नई आबकारी नीति बनाने में नियमों के उल्लंघन तथा टेंडर प्रक्रिया में खामियों का जिक्र किया गया था।

- दिल्ली का एक्साइज विभाग मनीष सिसोदिया के अधीन है। ऐसे में उनकी भूमिका पर भी सवाल उठाए गए।

- इस रिपोर्ट के आधार पर जुलाई 2022 में एलजी वीके सक्सेना ने दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई जांच के निर्देश दे दिए।

- दिल्ली सरकार को वित्तीय वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में 1485 करोड़ रुपये का राजस्व मिला, जो बजट अनुमान से 37.51 फीसदी कम था।

- अप्रैल 2022 के बाद हर महीने राजस्व में लगभग 194 करोड़ रुपये की कमी दर्ज की गई। इसके बाद सरकार ने नई शराब नीति वापस लेने का फैसला लिया।

-  सीबीआई जांच के आदेश के कुछ दिन बाद ही केजरीवाल सरकार ने नई आबकारी नीति पर रोक लगा दी और 1 सितंबर 2022 से नई को हटाकर फिर पुरानी नीति लागू कर दी।

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